Monday, April 12, 2010

झंड जिंदगी .. part 2

मुंह में भरे रखे हैं gs के हथगोले, सारी की सारी पिनें निकाल डाली हैं
लंड पे लिपटा हुआ है बारूद-ए-संस्कृत , गांड में pub ad की लम्बी दुनाली है
तदबीर से नजराने की उम्मीद करी थी, तकदीर ने माचिस की full डिबिया निकाली है
जिंदगी बचपन से थी पर अब तो रोज ही, ये झंड झंड बजर झंड रहने वाली है
सब लोग बड़े खुश हैं और पीटते ताली, हम हो गए पागल अब गाते कव्वाली हैं

No comments:

Post a Comment