Friday, September 11, 2009

बजर झंड जिंदगी

जिंदगी झंड, बजर झंड होने वाली है
हर सपना नर्वस है, दिल सवाली है
अरमानों को किस्मत ने दे दी गाली है
हर सिसकी पर अब तो बजनी ताली है
जिंदगी झंड, बजर झंड होने वाली है.
जेब चौकन्नी, न अठन्नी, बटुआ खाली है
शिकनों की परीशानी बढ़ने वाली है
होली unholy, दिवालिया दिवाली है
जिंदगी झंड, बजर झंड होने वाली है.
मैंने पगडण्डी नयी एक जो बना ली है
मैंने ये आरजू ही क्यूँकर नयी पाली है
गले में हथगोला सर पे तनी दुनाली है
जिंदगी झंड, बजर झंड होने वाली है.
मन में जो इमोसन है वो भी जाली है
जिंदगी झंड, बजर झंड होने वाली है.

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