अरे देखो,
वो रात पुरानी है ढल चुकी
इक नया सवेरा निकल चूका
जीवन की सुन्दर बगिया में
देखो इक नया है फूल खिला
जिसकी सुगंध फैलेगी कल
और कल ही वो बतलाएगा
जो पल बीते उसके समक्ष
उनका वो हाल सुनाएगा .
वो रात पुरानी है ढल चुकी
इक नया सवेरा निकल चूका
जीवन की सुन्दर बगिया में
देखो इक नया है फूल खिला
जिसकी सुगंध फैलेगी कल
और कल ही वो बतलाएगा
जो पल बीते उसके समक्ष
उनका वो हाल सुनाएगा .
उस कल की तुम तुरंत सोचो
और तुरत-फुरत फिर निर्णय लो
क्या करना होगा आज तुम्हे
उस फूल का जो मुर्झाएगा .
और तुरत-फुरत फिर निर्णय लो
क्या करना होगा आज तुम्हे
उस फूल का जो मुर्झाएगा .
उसके मुरझाने से पहले
तुम निश्चित ही कुछ कर जाना
अपने मस्तिष्क हिमालय से
इक नए सूर्य को चमकाना .
तुम निश्चित ही कुछ कर जाना
अपने मस्तिष्क हिमालय से
इक नए सूर्य को चमकाना .
जीवन का तेरे – ‘नया साल’
नई उम्मीद जगाता है
इक नई प्रेरणा देकर के
वो ‘नया फूल’ मुस्काता है .
नई उम्मीद जगाता है
इक नई प्रेरणा देकर के
वो ‘नया फूल’ मुस्काता है .
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