Friday, June 1, 2007

जला के रखो

आग थोड़ी सी बची है जो, जला के रखो
बुझेगी तो धुएँ का गुबार फूटेगा.
आज हमने अगर मशाल नहीं थामी तो
कल को िफर से अंधेरा बहार लूटेगा.