हमने कब सोचा था कि हम काम करेंगे
जब सोचने बैठे, तब भी आराम करेंगे.
आराम की ख्वाहिश में उम्र ही गुजार दी
फैला के पैर, कब्र में, सरेआम करेंगे.
जब सोचने बैठे, तब भी आराम करेंगे.
आराम की ख्वाहिश में उम्र ही गुजार दी
फैला के पैर, कब्र में, सरेआम करेंगे.