Sunday, December 16, 2007

आराम करेंगे

हमने कब सोचा था कि हम काम करेंगे
जब सोचने बैठे, तब भी आराम करेंगे.
आराम की ख्वाहिश में उम्र ही गुजार दी
फैला के पैर, कब्र में, सरेआम करेंगे.

Friday, June 1, 2007

जला के रखो

आग थोड़ी सी बची है जो, जला के रखो
बुझेगी तो धुएँ का गुबार फूटेगा.
आज हमने अगर मशाल नहीं थामी तो
कल को िफर से अंधेरा बहार लूटेगा.